बहुत ज़रूरी है | Bahut Zaruri HaiVishakhaJul 30, 20211 min readबहुत ज़रूरी है-बहुत ज़रूरी है बाहर निकलना उस कैद से,जिसमे खुद ने खुद को बाँध रखा हो | एक उम्मीद, जो नाजायज़ है। उस उम्मीद में खुद को यूँ बेबस , लाचार कर रखा है| बहुत ज़रूरी है,खुद को खुद से आज़ाद करना उन बेड़ियों से,जिसमें खुद ने खुद को बाँध रखा हो| लेखिका-विशाखाBooks You Must Read-
बहुत ज़रूरी है-बहुत ज़रूरी है बाहर निकलना उस कैद से,जिसमे खुद ने खुद को बाँध रखा हो | एक उम्मीद, जो नाजायज़ है। उस उम्मीद में खुद को यूँ बेबस , लाचार कर रखा है| बहुत ज़रूरी है,खुद को खुद से आज़ाद करना उन बेड़ियों से,जिसमें खुद ने खुद को बाँध रखा हो| लेखिका-विशाखाBooks You Must Read-
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