"लफ़्ज़ों के परे भी
मिल जाता है मुझे सुकून,
बस उस एक मुस्कुराहट को देखकर।।"
Dedicated to that one smile and the very intelligent and humble person behind it.
Late Advocate Ashok Tiwari Ji
एक मुस्कुराहट
मुझे आज भी याद है
वो दिन
जब मैं थकी हारी
मायूस सी
बुझी हुई सी
बेजान से
ख़्वाब लेकर
रूबरू हुई थी
उस एक मुस्कुराहट से
जो अपनी सी लग रही थी
कुछ नए अपनों के साथ
जो कह रही थी मुझसे
कि नयी सी शुरूआत है
कहीं डर मत जाना
सब्र का इम्तिहान है
जल्दी में बिखर मत जाना
अब तो हर दिन होती हूं रुबरु
उस एक मुस्कुराहट से
कि मेरे ख्वाबों को
जिंदा रखती है
वो एक मुस्कुराहट
मेरी कलम को
जिंदा रखती है
वो एक मुस्कुराहट।।
लेखिका
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