top of page
Writer's pictureAnukriti

पिता | Father

Updated: Aug 31, 2021

पिता


बड़े चाव से हमको झूला झूलाते,

जो हम रूठ जाते वो हमको मनाते,

वो पैसे कमा कर के बाज़ार जाते,

दुकानें खिलौनो की जैसे वो लाते,

हाँ हैं वो वही जिनको चरणो में स्रिस्टी,

वो जो हैं तो सब है,

दी उनकी है दृष्टि,

हमें सब सिखाया ,पढ़ाया लिखाया,

थके फिर भी रातों को लॉरी सुनाया,

ना सोचा कभी, बिना पिता मैंने कुछ भी,

उन्ही ने इस निरिह को इंसा बनाया,

ना जानू वो क्या है प्रभु हैं खुदा हैं,

जमी हैं फलक हैं नदी हैं हवा हैं,

जलज हैं रवि हैं श्रिजन के श्रिजा हैं,

मुझे गर्व है कि वो मेरे पिता हैं |



कवयित्री

अनुकृति गोविंद


Books You Must Read-

Chetan Bhagat 'One Arranged Murder'

47 views0 comments

Recent Posts

See All

Commentaires


Subscribe For Latest Updates

Thanks for subscribing!

bottom of page