रफ़ीक़
वो शाम सा, मै रात सा,
वो महेक है, मै राज़ सा,
हमराज़ भी अदाकार भी, मासूम भी दिलकश अंदाज़ सा,
चाय की वो चुस्की, तेरा वो मुस्कुराना,
दोस्ती का वास्ता, गाली से स्वागत,
कंधे पे हाथ और रस्ते पे रास्ता,
तेरी दोस्ती बारिश की खुशबू ,
गोलगप्पे की चाह में दोस्ती के वास्ते दोस्ती का वास्ता।
लेखक
ज़ैद
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